कंपनी आईपीओ के जरिए 132 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. नियोजेन केमिकल्स स्पेशियलिटी केमिकल कंपनी है, जिसका आईपीओ आज यानी 24 अप्रैल को निवेश के लिए खुल गया है. इस आईपीओ में 26 अप्रैल तक निवेश किया जा सकता है. कंपनी आईपीओ के जरिए 132 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. नियोजेन केमिकल्स स्पेशियलिटी केमिकल कंपनी है.
कंपनी इस इश्यू में 70 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी और इस इश्यू के लिए कंपनी ने 212-215 रुपये का प्राइस बैंड रखा गया है.
पिछले वर्ष 2018-19 के शुरुआती नौ महीनों में कंपनी ने 159.6 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 12.2 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. कंपनी आईपीओ से आने वाले पैसे का इस्तेमाल प्रिफरेंस शेयरों को भुनाने के लिए करेगा. विश्लेषकों के अनुसार, मांगी गई वैल्यूएशन के आधार पर यह इश्यू सूचीबद्ध प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में थोड़ा महंगा है और निवेशक इसकी कीमतें कम होने का इंतजार कर सकते हैं.
बिजनेस मॉडल
नियोजेन केमिकल्स ऑर्गेनिक केमिकल का एक बिज़नेस मॉडल तैयार किया गया है जिसमे कंपनी जैसे ब्रोमीन, फ्लोरीन, आयोडीन आधारित मिश्रण का निर्माण करती है. इनका इस्तेमाल फार्मा, एग्रोकेमिकल, खाने के फ्लेवर, फ्रेग्नेंस (सुगंध एवं इत्र) और इलेक्ट्रॉनिक केमिकल इंडस्ट्री में होता है. इसका 82 फीसदी रेवेन्यू फार्मा सेक्टर से आता है.
यह लीथियम से बनने वाले इनऑर्गेनिक उत्पाद भी बनाती है. इनका इस्तेमाल अलग-अलग तापमान नियंत्रण करने वाली मशीनों में होता है. ऑर्गेनिक उत्पाद से कंपनी का 60 से 70 फीसदी रेवेन्यू आता है. वित्त वर्ष 2018-19 के पहले नौ महीनों में घरेलू और विदेशी रेवेन्यू समान थे.
निवेश संभावनाएं
साल 2022 तक वैश्विक स्पेशियलिटी केमिकल बाजार 5.47 फीसदी की ग्रोथ के साथ $970.55 अरब का हो जाएगा. भारत में इस बाजार में 70 से 75 फीसदी हिस्सेदारी छोटे व मध्यम खिलाड़ियों के पास है. ऐसे में इस बाजार में काफी अवसर नजर आ रहे हैं.
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कंपनी इस इश्यू में 70 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी और इस इश्यू के लिए कंपनी ने 212-215 रुपये का प्राइस बैंड रखा गया है.
पिछले वर्ष 2018-19 के शुरुआती नौ महीनों में कंपनी ने 159.6 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 12.2 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. कंपनी आईपीओ से आने वाले पैसे का इस्तेमाल प्रिफरेंस शेयरों को भुनाने के लिए करेगा. विश्लेषकों के अनुसार, मांगी गई वैल्यूएशन के आधार पर यह इश्यू सूचीबद्ध प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में थोड़ा महंगा है और निवेशक इसकी कीमतें कम होने का इंतजार कर सकते हैं.
बिजनेस मॉडल
नियोजेन केमिकल्स ऑर्गेनिक केमिकल का एक बिज़नेस मॉडल तैयार किया गया है जिसमे कंपनी जैसे ब्रोमीन, फ्लोरीन, आयोडीन आधारित मिश्रण का निर्माण करती है. इनका इस्तेमाल फार्मा, एग्रोकेमिकल, खाने के फ्लेवर, फ्रेग्नेंस (सुगंध एवं इत्र) और इलेक्ट्रॉनिक केमिकल इंडस्ट्री में होता है. इसका 82 फीसदी रेवेन्यू फार्मा सेक्टर से आता है.
यह लीथियम से बनने वाले इनऑर्गेनिक उत्पाद भी बनाती है. इनका इस्तेमाल अलग-अलग तापमान नियंत्रण करने वाली मशीनों में होता है. ऑर्गेनिक उत्पाद से कंपनी का 60 से 70 फीसदी रेवेन्यू आता है. वित्त वर्ष 2018-19 के पहले नौ महीनों में घरेलू और विदेशी रेवेन्यू समान थे.
निवेश संभावनाएं
साल 2022 तक वैश्विक स्पेशियलिटी केमिकल बाजार 5.47 फीसदी की ग्रोथ के साथ $970.55 अरब का हो जाएगा. भारत में इस बाजार में 70 से 75 फीसदी हिस्सेदारी छोटे व मध्यम खिलाड़ियों के पास है. ऐसे में इस बाजार में काफी अवसर नजर आ रहे हैं.
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