आज (सोमवार) सुबह वायदा बाजार में मेंथा तेल की कीमतों में जोरदार तेजी दिखी. प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों से सीमित आपूर्ति के मुकाबले हाजिर बाजार में मांग बढ़ने से वायदा कारोबार में मेंथा तेल की कीमतों में तेजी आई. एमसीएक्स पर आज मेंथा ऑयल 24.60 रुपये या 1.80 फीसदी की तेजी के साथ 1422 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया.
केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया के मुताबिक, मेंथा ऑयल के मई कॉन्ट्रैक्ट में गिरावट पर खरीदारी की सलाह है. उनका कहना है कि मेंथा की फसल में रोग लगने की रिपोर्ट आई है. इसके अलावा मानसून एक हफ्ते देरी से आने के आसार हैं. इस वजह से इसमें मजबूती दिख रही है. केडिया का कहना है कि मेंथा ऑयल के मई कान्ट्रैक्ट में 1410 रुपये पर खरीदारी करें. 1395 रुपये के भाव पर स्टॉपलॉस लगाएं और आज के सत्र में 1440 रुपये का लक्ष्य रखें.
मेंथा का इस्तेमाल दवाएं, सौंदर्य उत्पाद, टूथपेस्ट के साथ ही कंफेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा होता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा उत्पादक और निर्यातक है. मेंथा की सबसे ज्यादा पैदावार यूपी में होती है. देश में होने वाले कुल मेंथा ऑयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है. पश्चिमी यूपी के जिले संभल, रामपुर, चंदौसी मेंथा का उत्पादन करने वाले बड़े क्षेत्र हैं, जबकि लखनऊ के पास बाराबंकी जिला भी मेंथा ऑयल का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है.
भारत मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. व्यापारियों के अनुसार इस साल कुल उत्पादन 35-40 फीसदी बढ़कर 48,000 टन से 50,000 टन होने का अनुमान है. पिछले साल उत्पादन 33,000 से 35,000 टन के बीच था. भारत अपने सालाना घरेलू उत्पादन का 70 फीसदी निर्यात करता है.
रेलीगेयर सिक्योरिटीज के सीनियर मैनेजर अभिजीत बनर्जी का कहना है कि मेंथा ऑयल के चालू वायदा में 1400 रुपये के आसपास खरीदारी करें. 3-4 सत्रों में 1450 रुपये किलोग्राम का लक्ष्य रखें. बननर्जी का कहना है कि इस साल मेंथा की फसल एक हफ्ते देरी से आने की संभावना है. इसके अलावा इंडस्ट्री की तरफ से हाजिर बाजारों में अच्छी मांग देखी जा रही है.
केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया के मुताबिक, मेंथा ऑयल के मई कॉन्ट्रैक्ट में गिरावट पर खरीदारी की सलाह है. उनका कहना है कि मेंथा की फसल में रोग लगने की रिपोर्ट आई है. इसके अलावा मानसून एक हफ्ते देरी से आने के आसार हैं. इस वजह से इसमें मजबूती दिख रही है. केडिया का कहना है कि मेंथा ऑयल के मई कान्ट्रैक्ट में 1410 रुपये पर खरीदारी करें. 1395 रुपये के भाव पर स्टॉपलॉस लगाएं और आज के सत्र में 1440 रुपये का लक्ष्य रखें.
मेंथा का इस्तेमाल दवाएं, सौंदर्य उत्पाद, टूथपेस्ट के साथ ही कंफेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा होता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा उत्पादक और निर्यातक है. मेंथा की सबसे ज्यादा पैदावार यूपी में होती है. देश में होने वाले कुल मेंथा ऑयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है. पश्चिमी यूपी के जिले संभल, रामपुर, चंदौसी मेंथा का उत्पादन करने वाले बड़े क्षेत्र हैं, जबकि लखनऊ के पास बाराबंकी जिला भी मेंथा ऑयल का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है.
भारत मेंथा तेल और उसके डेरिवेटिव का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. व्यापारियों के अनुसार इस साल कुल उत्पादन 35-40 फीसदी बढ़कर 48,000 टन से 50,000 टन होने का अनुमान है. पिछले साल उत्पादन 33,000 से 35,000 टन के बीच था. भारत अपने सालाना घरेलू उत्पादन का 70 फीसदी निर्यात करता है.
रेलीगेयर सिक्योरिटीज के सीनियर मैनेजर अभिजीत बनर्जी का कहना है कि मेंथा ऑयल के चालू वायदा में 1400 रुपये के आसपास खरीदारी करें. 3-4 सत्रों में 1450 रुपये किलोग्राम का लक्ष्य रखें. बननर्जी का कहना है कि इस साल मेंथा की फसल एक हफ्ते देरी से आने की संभावना है. इसके अलावा इंडस्ट्री की तरफ से हाजिर बाजारों में अच्छी मांग देखी जा रही है.
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